व्हाट्सएप ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि लोग उसकी 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी से बाध्य नहीं हैं और ना ही नए डेटा कानून आने तक ऐप के काम पर असर होगा। इस पर कोर्ट ने व्हाट्सएप को निर्देश दिए कि वह इस बारे में पांच नेशनल अखबारों में कम से कम दो बार फुल पेज विज्ञापन दे, जिससे लोगों को इस बारे में पता चल सके।
पांच जजों की बेंच कर रही सुनवाई
व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कंपनी को यह निर्देश दिए। उधर, केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि संसद के बजट सत्र में एक नया विधेयक पेश किया जाएगा। इस मामले की सुनवाई जस्टिस के एम जोसेफ, जस्टिस अजय रस्तोगी, जस्टिस अनिरुद्ध बोस, जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस सी टी रवि कुमार की बेंच कर रही है।
नया डेटा सुरक्षा बिल पेश होने के बाद सुनवाई करेगा कोर्ट
कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि वह संसद में डेटा सुरक्षा बिल पेश होने के बाद व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। व्हाट्सएप की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने भी कोर्ट को यही सुझाव दिया था। बजट सत्र के दूसरे भाग में डेटा संरक्षण विधेयक पेश किए जाने की संभावना है। 1 फरवरी से शुरू हुआ बजट सत्र का पहला भाग 14 फरवरी को समाप्त होगा। वहीं, सत्र का दूसरा भाग 12 मार्च से शुरू होगा।
क्या है वॉट्सऐप की नई पॉलिसी?
वॉट्सऐप 2021 में नई पॉलिसी लाई थी। नए टर्म्स और प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक, सर्विसेज को ऑपरेट करने के लिए आप वॉट्सऐप को जो कंटेंट अपलोड, सब्मिट, स्टोर, सेंड या रिसीव करते हैं, कंपनी उन्हें कहीं भी यूज, रिप्रोड्यूस, डिस्ट्रीब्यूट और डिस्प्ले कर सकती है।
ऐसा फैसला क्यों लिया?
नई पॉलिसी के नोटिफिकेशन में कंपनी ने साफ लिखा है कि अब वॉट्सऐप आपकी हर सूचना अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक और इंस्टाग्राम के साथ शेयर करेगा। यानी वॉट्सऐप अपने यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल करके पैसे भी कमा सकती है।